
परिश्रम वह चाबी है जो
सौभाग्य के द्वार खोलती है !

हारना सबसे बुरी विफलता नहीं है. कोशिश ना
करना ही सबसे बड़ी विफलता है

एक सफल व्यक्ति वह है जो औरो द्वारा अपने
ऊपर फेंके गए ईंटों से एक मजबूत नीव बना सके.

सफलता कभी अंतिम नहीं होती ,
विफलता कभी घातक नहीं होती
. जो मायने रखता है वो है साहस

आप सफलता की सीढ़ी असफलता
के कपडे पहन कर नहीं चढ़ सकते .

यदि हार की कोई सम्भावना ना हो तो
जीत का कोई अर्थ नहीं है .

मेरा मानना है कि सफलता का कोई
नियम नहीं है , लेकिन आप असफलता
से बहुत कुछ सीख सकते हैं .

सफलता के साथ बस एक ही समस्या है वो
असफलता से कैसे निपटा जाये नहीं सीखती

ऊँचा उठना है तो, अपने अंदर के अहंकार को
निकालकर, स्वयं को हल्का कीजिये क्योंकि
ऊँचा वही उठता है जो हल्का होता है।
सौभाग्य के द्वार खोलती है !परिश्रम वह चाबी है जो सौभाग्य